Lodu dohe!
चूत जो खोजन मै चला चूत न मिलिया कोए ll
अब जा कर जब चूत मिली लंड खड़ा न होए ll
ऐसा झटका मारिये लंड पे आपा खोए ll
अपने तन मस्ती भरे औरत को सुख होए ll
नंगी लड़की देख कर दिया कबीरा रोए ll
दुई जांघों के बीच में साबित बचा न कोए ll
काल्ह चुदे सो आज चुद आज चुदे सो अब ll
पल में लौड़ा झर जायेगा बोल चुदेगी कब ll
कबीरा खड़ा बाज़ार में लिए लंड को हाथ ll
है चोदन की इच्छा बहुत कोई तो देदो साथ ll
साईं इतना दीजिये जितना चूत समाये ll
लंड भी भूखा न रहे चूत न भूखी जाये ll
चूत भरी जब लंड झरा थक थक गए शरीर l
फिर चोदन इच्छा भई कह गए दास कबीर ll
चूत में लौड़ा सब भरे गांड भरे न कोए ll
जो गांड में लंड भरे तो बच्चा काहे होए ll
चूत में तेरी खुजली है लंड में मेरे आग ll
बहुत भयंकर लंड है तू भाग सके तो भाग ll
चूत कहे ललकार के तू क्या चोदे मोए ll
एक दिन ऐसा आएगा जब मै लिलुंगी तोए ll
लौड़ा ऐसा चाहिए जैसा चूत को भाए ll
अंग अंग को चोद कर पानी से भर जाये ll
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ll
दो बूंद चूत में डालिए नौ माह में बच्चा होए ll
Posted via Blogaway
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