पुलिस इंस्पेक्टर संता सिंह को छुट्टियों में पत्नी और
बेटे के साथ गोवा घूमने जाना था, इसलिए प्लेन
टिकट, और होटल वगैरह सब बुक करा लिया था…
लेकिन उन्हें ऐन वक्त पर छुट्टी नहीं मिल पाई, सो,
पत्नी तथा बेटे को पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक
गोवा भेजते हुए वादा किया, कि 15 दिन बाद वह
खुद भी गोवा पहुंच जाएंगे…
बहरहाल, जब 15 दिन बाद वह गोवा पहुंचे, उन्होंने
पत्नी से एकांत में मिलने का इशारा किया, जिसके
जवाब में पत्नी ने बच्चे की तरफ इशारा करके मना कर
दिया…
संता उसकी परेशानी भी समझ गए, और चुपके-से उसे
बीच (समुद्रतट) पर पहुंचने के लिए कहा…
थोड़ी ही देर बाद पत्नी भी बच्चे
को टीवी देखता छोड़कर बीच पर पहुंच गई, और
संता सिंह शुरू हो गए…
तभी अचानक वहां एक हवलदार आया, और चीखकर
बोला, “शर्म नहीं आती… खुलेआम ऐसी हरकतें करते
हो… कपड़े पहनो, और थाने चलो…”
संता सिंह ने तुरंत हाथ जोड़कर कहा, “भाई, 15 दिन
बाद मिला था, इसलिए खुद पर काबू नहीं कर पाया…
वैसे मैं खुद भी पुलिस वाला ही हूं… अब अगर तुम
पुलिसवाले होकर पुलिसवाले का चालान काटोगे,
तो बहुत शर्मिन्दगी वाली बात हो जाएगी, इसलिए
माफ कर दो, यार…”
हवलदार भी नरम पड़ गया, और बोला, “ठीक है, तुम
भी पुलिसवाले हो, और पहली बार ऐसी हरकत कर रहे
हो, इसलिए माफ करता हूं, लेकिन इस औरत का यह
पिछले 14-15 दिन में पांचवां मौका है, इसलिए
इसका चालान ज़रूर काटूंगा…”
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