Thursday, January 1, 2015


शादी की गांठे तो आसमान में ही बंध जाती हैं!
इन्सान तो सिर्फ पेटीकोट, सलवार और
ब्रा की गांठे खोलने के लिए ही ज़मीन पर
भेजा जाता है!


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