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चूत एक घाटी है , जहाँ घुसती केवल पुरुष
की लाठी है, चूत एक गड्डा है, जहाँ लंड नामक
जीव काअड्डा है, चूत एक आशियाना है,
जहाँ लंड के दो पल का ठिकाना हैचूत एक
आसमान है,जहाँ खड़े लंड का मिटता झूठा गुमान
है, चूत एकबाग़ है, जहाँ लंड के पंहुचने से पहले
लगी होती आग है, चूत एक अद्वितीय लोक है,
जहाँ खड़ा लंड सिधारता परलोक है, चूत एक
अज़ब सा शहर है, जहाँ लंड के रस
की कभीकभी बहती एक
नहर है.. अंत में मित्रो , ये चूत ही हर लंड
का अफसाना है,
जहाँ लंड को खड़े हुए जाकर मुरझाये वापिस
आना है.
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