चाँदी जैसी चूत है तेरी,
उसपे सोने जैसेबाल ..
एक तू ही धनवान है रण्डी,
बाकी सब कंगाल..
जिस रस्ते से तू गुजरे,
सबके लण्ड खड़े हो जाएँ..
तेरी चूत की कोमल आहट,
सोते लण्ड उठाये..
जब लौड़ा चूसे तू गोरी,
वो पत्थर बन जाए..
तू जिस से चुदवा ले अपनी,
वो डाले तुझमे माल..
एक तूही धनवान है रण्डी,
बाकी सब कंगाल..
जो भी छेद हों तेरे उसमे,
लण्ड घुसाते लोग..
तू नादान न जाने,
कैसे चूत बजाते लोग..
छैलछबीली रण्डी थोड़ी ,
चूची और निकाल..
तेरी चूत न फटे कभी,
तू चुदेहज़ारों साल..
एक तू ही धनवान है रण्डी,
बाकी सब कंगाल..
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