गाण्ड मराये बेगम दण्ड भरे गुलाम – मतलब
किसी के गुनाह
की सजा किसी दूसरे
को देना यानि चोरों का दण्ड फकीरों को।
झाँट उखाड़ने से मुर्दे हल्के नहीं होते –
यानि किसी भारी काम को बहुत
थोड़ा प्रयास करने से कुछ नहीं होता जैसे ओस
चाटने से प्यास नहीं बुझती।
तेली का तेल जले
मशालची की गाण्ड जले –
यानि किसी दूसरे के फटे में टांग
अड़ाना या दखलअंदाजी करना।
साथ भी सोये और गांड भी छुपाये –
मतलब बिना कुछ खोये कुछ पाने की आशा करना।
शेर का लण्ड पकड़ना – यानि किसी ऐसे काम में
उलझना जिससे छुटकारा पाना भी मुश्किल और
करना भी मुश्किल।
इतने तो चुदाई के ना मिले जितने का लहंगा फट
गया – इसका अर्थ
किसी ऐसे काम से है जिसमें बहुत मेहनत
हो और प्रतिफल बहुत कम।
टट्टे कितना भी बड़े, रहेंगे लौड़े के नीचे
ही – नीच कितना भी बढ़े,
उच्च विचार वाले के तले ही रहेगा।
लण्ड साला टट्टों पर ही झुकेगा – मतलब
किसी की प्रकृति पर
ही आना जैसे पानी नीचे
ही गिरेगा या नीच
आदमी नीचता ही करेगा।
देवर
को नहीं देगी पड़ोसी से
फडवा लेगी – मतलब किसी अपने
का भला नहीं सोचने वाला जो किसी वस्तु
को व्यर्थ बर्बाद कर देगा पर किसी अपने
को नहीं देगा।
पकड़ने का पता नहीं और मुठ का ठेका – यह
वाक्य उस वक्त के लिए है जब कोई बिना अनुभव
वाला किसी अनुभव की आवश्यकता वाले
की जगह को ले लेता है।
जिसकी चुदाई में फटे वो बच्चे क्या ख़ाक पैदा करे –
मतलब लगभग ऊपर वाली कहावत
जैसा ही है बस सूक्ष्म अंतर है।
गाण्ड में दम नहीं हम किसी से कम
नहीं – यह उक्ति ऐसे समय के लिए है जब कोई
व्यर्थ की ताल ठोके।
गाण्ड में टट्टी नहीं, सूअर को न्योता –
अपनी हैसियत से बहुत ज्यादा बढ़-चढ़ कर कोई
कार्य करना।
Posted via Blogaway
No comments:
Post a Comment